जनपद में फ्रंट लाइन कोरोना वॉरियर पुलिसकर्मी भी कोरोना संक्रमित हो रहे हैं। बुधवार को कोरोना संक्रमित कॉन्स्टेबल मनोज पांडेय की बीएचयू अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गयी। इस सूचना के बाद जिला प्रशासन /पुलिसकर्मियों में हड़कंप मच गया। वहीं मौत के बाद डीएम कौशल राज शर्मा तीन सदस्यीय जांच समिति गठित किए है। जो 24 घंटे के अंदर कॉन्स्टेबल की मृत्यु के संबंध में अपनी जांच रिपोर्ट डीएम को सौंपेगी।
बता दें कि कॉन्स्टेबल मनोज पांडेय 23 जुलाई को दीन दयाल उपाध्याय राजकीय अस्पताल में भर्ती हुए थे। 24 जुलाई को इनकी जांच हुई। बताया जा रहा है कि पहले से ही ये हाई शुगर और हाई बीपी के मरीज रहे। 26 तारीख से ये खाना-पीना बंद कर दिए थे। वहीँ 27 तारीख को इनकी जाँच में क्रेटनिन बढ़ा हुआ पाया गया। मरीज की स्थिति गंभीर होने पर 29 जुलाई को बीएचयू रेफर किया गया, जहां शाम 7 बजे पुलिसकर्मी की मौत हो गयी। जिसके बाद डीएम के अनुसार डॉक्टरों की लापरवाही को देखते हुए जाँच समिति बैठा दी गयी। लेकिन सवाल यहाँ यह उठता है कि पहले भी और मरीज की मौत हुई है वो पेशेंट भी शुगर और बीपी की वजह से कोरोना के चलते मरे हैं। लेकिन अब तब कोई जाँच क्यों नहीं हुई। वहीं जब पुलिसकर्मी की मौत हुई तो आनन फानन में जांच समिति बैठा दिया गया है। और 24 घंटे में रिपोर्ट मांगी गयी है।





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