*महीनों पूर्व चार ग्राम प्रधान पंचायत सचिव एडीओ पंचायत सहित कई लोगों पर सरकारी रकम में गबन करने का दर्ज हुआ मुकदमा*
*कौशाम्बी* ग्राम पंचायत में विकास के नाम पर जमकर धांधली बाजी हुई थी कड़ी मेहनत के बाद जांच के दौरान आरोपियों पर सरकारी रकम में हेराफेरी करने का आरोप तय हुआ था हैं मामले में 28 मार्च को कोखराज थाने में 4 ग्राम प्रधान पंचायत सचिव एडीओ पंचायत सहित कई आरोपियों पर धोखाधड़ी सरकारी रकम में गबन करने सहित कई गंभीर धाराओं में पंचायत विभाग के अधिकारियों ने मुकदमा दर्ज करा दिया और मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी करने की जिम्मेदारी पुलिस को सौंप दी लेकिन पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया है
सूत्रों की मानें तो आरोपियों को क्लीन चिट देने के नाम पर लाखों रुपए का लेन-देन हो चुका है पुलिस से समझौता होने के बाद सरकारी रकम में हेराफेरी करने वाले आरोपी बेखौफ तरीके से घूम रहे हैं उन्हें पुलिस और कानून का भय खत्म होता दिख रहा है आखिर सरकारी रकम में गबन करने वाले आरोपियों पर कार्यवाही कर सरकारी रकम को सुरक्षित करने की जवाबदेही किसकी है पंचायत विभाग भी पुलिस में मुकदमा दर्ज कराने के बाद अपनी जिम्मेदारी से अपने को मुक्त मान रहा है दोषी एडीओ पंचायत और पंचायत सचिव को अभी तक निलंबित करने की कार्यवाही महकमे ने नहीं की है जिस मामले को लेकर आरोप लगाए गए हैं मामले में लीपापोती कर अपने को निर्दोष साबित करने की कवायद चल रही है
सरकारी रकम में हेराफेरी धोखाधड़ी करने के मामले में मुकदमा दर्ज कराए जाने के बाद आरोपियों को बचाने का खेल चारों तरफ चल रहा है बताते चलें कि सिराथू विकासखंड क्षेत्र के रूपनारायणपुर सेलावी जमाल मऊ ऊलाचूपुर बघेला पुर ग्राम पंचायतों में विकास के नाम पर सरकारी खजाने से लाखो की रकम निकालने के बाद विकास कार्य नहीं कराए गए थे इस मामले में पंचायत सचिव की भूमिका सवालों के घेरे में थी एडीओ पंचायत सिराथू और खंड विकास अधिकारी सिराथू भी मूकदर्शक बने रहे पंचायत सचिव के साथ ग्राम प्रधानों ने सरकारी खजाने की रकम निकालकर हजम कर ली तमाम शिकायतों के बाद जांच के दौरान आरोपियों की कारगुजारी उजागर हुई जिस पर आरोपियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया गया लेकिन गिरफ्तारी में हीला हवाली शुरू हो गई है मुकदमा दर्ज कराए जाने के महीनों बाद भी एक भी आरोपी पुलिस के कब्जे में नहीं पहुंच सका है जिससे पुलिसिया जांच में सवाल खड़े हो गए हैं वहीं दूसरी ओर अभी तक पंचायत सचिव को निलंबित नही किया गया है जिससे अपने कारगुजारी पर लीपापोती शुरू है इस संबंध में जिला विकास अधिकारी का कहना है कि जब तक मुकदमे के आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होगी तब तक वह किसी को निलंबित नहीं कर सकते हैं ग्राम पंचायतों की रकम में हेराफेरी कर धांधली करने वालों पर मुकदमा दर्ज किए जाने के बाद गिरफ्तारी और निलंबर में हीलाहवाली के मामले की ओर शासन प्रशासन को संज्ञान लेकर कठोर कार्यवाही करने की जरूरत है।।





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