*बीएचयू के तत्कालीन चीफ प्राक्टर समेत 11 दोषमुक्त*
वाराणसी। फीस वृद्धि को लेकर धरना-प्रदर्शन कर रहे छात्रों से अभद्रता करने व लाठियों से मारने-पीटने के मामले में बीएचयू के तत्कालीन चीफ प्राक्टर समेत 11 आरोपितों को कोर्ट से राहत मिल गई। अपर सिविल जज (षष्ठम) गौरव सिंह की अदालत ने तत्कालीन चीफ प्राक्टर एके जोशी, बीएचयू वीसी के पीए अश्वनी कुमार सिंह के साथ ही सुरक्षाकर्मी राम अवतार सिंह, परमानंद सिंह, अखिलेश कुमार त्रिवेदी, ओमप्रकाश तिवारी, भया लाल, इंदू प्रकाश सिंह, गुप्तेश्वर नाथ दूबे, राम अवध सिंह व नंद कुमार दूबे को साक्ष्य के अभाव में संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया। अदालत में बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता आरके सिंह ने पक्ष रखा।
प्रकरण के अनुसार बीएचयू के छात्र सुमित कुमार ने लंका थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। आरोप था की 29 जनवरी 2014 को काशी हिन्दू विश्व विद्यालय में फीस वृद्धि हुई थी। जिसके विरोध में वह अन्य छात्रगण के साथ सिंह द्वार पर शान्तिपूर्वक ढंग से धरना-प्रदर्शन कर रहा था।उसके बाद सिंह द्वार से वह लोग वीसी आवास होते हुये अपने छात्रावास वापस जा रहे थे। उसी दौरान चीफ प्राक्टर एके जोशी, वीसी के पीए अश्वनी सिंह ने अपने सुरक्षाकर्मियों से हम छात्रों के ऊपर लाठी चार्ज का आदेश सुरक्षाकर्मियों को दे दिया। सुरक्षाकर्मियों ने हम छात्रों को भद्दी-भद्दी गालियाँ दी तथा लाठी- डंडे से मारे पीटे।
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