मुंबई. कोरोना वायरस (Coronavirus) के संक्रमण ने एक बार फिर वैज्ञानिकों को चिंता में डाल दिया है. वैज्ञानिकों (Scientist) को हैदराबाद (Hyderabad) के बाद अब मुंबई (Mumbai) की सबसे बड़ी स्लम बस्ती धारावी (Dharavi) सहित 6 झुग्गियों के सीवर में कोरोना (Corona) का पता चला है. खबर है कि धारावी के अलावा वडाला, शिवाजी नगर, कुरला, कंजुर और मलाड़ की झुग्गियों के सीवर में कोरोना वायरस मिले हैं.
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वॉयरोलॉजी के वैज्ञानिकों ने पोलियो मॉडल के आधार मुंबई की छह अलग अलग बस्तियों के सीवर की जांच की थी. वैज्ञानिकों ने इन बस्तियों के सीवर से सैंपल लिए और उनकी जांच के दौरान कोरोना वायरस की मौजूदगी का पता लगाया है. वैज्ञानिकों ने बताया कि साल 2001 में पोलियो संक्रमण के दौरान भी वैज्ञानिकों ने इसी तरह से वायरस पर निगरानी रखनी के लिए जांच की थी.
वैज्ञानिकों के मुताबिक सीवर के पानी की तीन लेयर में जांच की जाती है. जांच में ऊपरी और निचली लेयर में कोरोना का कोई वायरस नहीं मिला है जबकि बीच की लेयर में वायरस के लक्षण मिले हैं. डॉ. दीपा कैलाश शर्मा ने बताया कि कोरोना वायरस के होने के बारे में सबसे पहले दुनिया को नीदरलैंड के वैज्ञानिकों ने बताया था. मुंबई से पहले हैदराबाद में सीसीएमबी के वैज्ञानिकों ने भी सीवर में कोरोना वायरस मिलने की पृष्टि की थी.
सीवर तक कैसे पहुंचा कोरोना वायरस
वैज्ञानिक शोध में पता चला है कि कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज के मल से वायरस सीवर तक पहुंचता है. इसके अलावा संक्रमित मरीज के नहाते वक्त इस्तेमाल साबुन, शैंपू और उनके कपड़े को धुलने के दौरान इस्तेमाल होने वाले पाउडर से भी वायरस सीवर तक पहुंच जाता है.
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