April 18, 2025

विश्व की दूसरी ऊंची भगवान शिव की प्रतिमा मुरुदेश्वर मंदिर भटकल कर्नाटक: लिफ्ट का करना पड़ता इस्तेमाल, भगवान शिव के दूसरे स्वरूप श्री मृदेसालिंग के दिव्य दर्शन-

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*!!.विश्व की दूसरी ऊंची भगवान शिव की प्रतिमा मुरुदेश्वर मंदिर भटकल कर्नाटक: लिफ्ट का करना पड़ता इस्तेमाल, भगवान शिव के दूसरे स्वरूप श्री मृदेसालिंग के दिव्य दर्शन.!!*
*पंकज पाराशर छतरपुर*
शिव जी के अनेको मंदिर और उन मंदिरों की महिमा बहुत ही निराली है। क्योंकि शिव जी को प्रसन्न करना बहुत ही आसान होता है, वे सिर्फ एक लोटे सच्चे मन से चढ़ाने वाले पर भी प्रसन्न हो जाते हैं। इसलिए भक्तों की भक्ति से प्रसन्न होकर भगवान शिव नें उन्हें दर्शन दिए और तभी वहां प्रकट शिवलिंग के रुप में मंदिर बना दिए गए। भारत में शिवालयों में एक अनोखा ही चमत्कार देखने को मिलता है। इऩ्हीं मंदिरों में से एक मंदिर कर्नाटक राज्य के भटकल में स्थित है। महादेव का यह मंदिर मुरुदेश्वर नाम से प्रसिद्ध है। मुरुदेश्वर मंदिर का इतिहास रामायण काल का बताया जाता है, कहा जाता है की यहां शिव जी की दूसरी सबसे बड़ी प्रतिमा स्थापित है। यह पवित्र मंदिर लोगों की आस्था का प्रमुख केंद्र है।
मुरुदेश्वर शांत समुद्र तट के अलावा यहां श्रद्धालुओं के बीच यह स्थान काफी लोकप्रिय भी है। इस मंदिर में भगवान शिव के दूसरे स्वरूप श्री मृदेसालिंग की पूजा की जाती है। मुरुदेश्वर मंदिर तीन तरफ से घिरा हुआ है, शांत पहाड़ी पर स्थापित मंदिर का नज़ारा बहुत ही मनोरम दिखाई देता है। कर्नाटक राज्य के भटकल में स्थित मुरुदेश्वर हिंदुओं की पवित्र मंदिर के अलावा पर्यटक स्थल भी माना जाता है। घूमने के लिए यहां कुछ बेहद ही खास जगहें भी है।
*करीब 123 फीट ऊंची है शिव जी की प्रतिमा*
इसके अलावा मंदिर परिसर में भगवान शिव की विशाल मूर्ति है, जो दूर से दिखाई देती है। प्रतिमा की ऊंचाई 123 फीट है और इसे बनाने में लगभग 2 साल लगे। मूर्ति इस तरह तैयार की गई है कि सूर्य का प्रकाश सीधे इस पर पड़े और इस तरह यह बहुत खुबसूरत दिखाई देती है। मूल रूप से, मूर्ति की चार बाहें है और इसे सोने से सुशोभित किया गया है। हालांकि, अरब सागर से उठने वाले तेज हवाओं के झोंके ने बाहों के रंग को उड़ा दिया और बारिश ने रंग को विघटित कर दिया। गोपरा आम तौर पर किसी भी हिंदू मंदिर का मुख्य द्वार होता है। राजागोपुरा मुख्यत:20 मंजिला इमारत है, जोकि मुरुदेश्वर मंदिर का प्रवेश द्वार है। श्रद्धालु इस गोपुरा में लिफ्ट का इस्तेमाल कर उपरी मंजिल अपर पहुंचकर मुरुदेश्वर मंदिर और शिव प्रतिमा और मीलों दूर तक फैले समुंद्र को देख सकते हैं।