March 17, 2025

मुख्तार अंसारी ने बताए तीन सहयोगियों के नाम समन भेजकर बयान के लिए बुलाएगा ईडी-

Spread the love

*मुख्तार अंसारी ने बताए तीन सहयोगियों के नाम समन भेजकर बयान के लिए बुलाएगा ईडी*

*प्रयागराज*

कस्टडी में लिए गए मुख्तार अंसारी ने तीन सहयोगियों का नाम बताया है जो उसकी कंपनी में निवेश करते थे अब इन तीनों को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) समन जारी करेगा ईडी की टीम ने माफिया से उसके भाई सांसद अफजाल अंसारी और बीवी अफ्शा अंसारी से जुड़े कई सवाल पूछे सुबह से लेकर रात तक हुई पूछताछ में माफिया तमाम सवालों का सही और प्रमाणिक जवाब नहीं दे पा पाया

*मुख्तार के भाई के घर पर छापेमारी में मिले थे कई कागजात*

सूत्रों का कहना है कि मनी लांड्रिंग केस में मुख्तार के भाई अफजाल अंसारी के दिल्ली स्थित आवास पर छापेमारी के दौरान एक लैपटॉप प्रॉपर्टी से जुड़े कागजात सहित कई समान मिले थे जब्त किए गए लैपटॉप से ईडी को कई अहम जानकारी मिली थी। कुछ लोगों की तस्वीरें भी मिली थी जिसे माफिया को दिखाया गया मुख्तार से पूछे गए यह सवाल

इसके बाद उनके बारे में पूछताछ की गई मुख्तार ने तीन लोगों को पहचानकर उनके नाम बताए हैं तीनों पूर्वांचल के निवासी बताए जा रहे हैं अब उन्हें समन भेजकर बयान के लिए बुलाया जाएगा साथ ही अफ्शा अंसारी की लोकेशन के बारे में जानकारी जुटाई गई वह ईडी कार्यालय में पेश क्यों नहीं हुई, इस सवाल पर मुख्तार निरुत्तर रह गया अफ्शा के एकाउंट में लाखों रुपए का ट्रांजेक्शन हर महीने होता था लेनदेन के बारे में माफिया ज्यादा कुछ नहीं बोल सका हालांकि उसने इतना जरूर कहा कि ज्यादा नहीं जानता है मुख्तार से जब लखनऊ निवासी प्रॉपर्टी डीलर और गाजीपुर के ट्रांसपोर्टर के बारे में पूछा गया तो अगल बगल झांकने लगा थोड़ी देर बाद उसने कहा कि कई साल से जेल में बंद है इसलिए कुछ बता नहीं पाएगा

*गैंगस्टर के खिलाफ मुख्तार की याचिका हाई कोर्ट में खारिज*

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने गैंगस्टर एक्ट में की गई कार्रवाई के खिलाफ दायर मुख्तार अंसारी की याचिका को अर्थहीन करार देते हुए खारिज कर दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति समित गोपाल ने दिया है याची की तरफ से अधिवक्ता उपेंद्र उपाध्याय ने बहस की कहा कि गैंग चार्ट का अनुमोदन जिलाधिकारी से नहीं लिया गया था इसी आधार पर कार्रवाई की वैधता को चुनौती दी गई थी वर्ष 1996 में गैंगस्टर एक्ट के तहत केस दर्ज हुआ था एक दिन पहले ही गाजीपुर की विशेष अदालत द्वारा 10 साल कैद की सजा सुनाए जाने के बाद हाई कोर्ट का यह फैसला आया