प्रयागराज: मल्टी लेवल पार्किंग में अवैध कार बाजार, सड़कों पर वाहनों की कतार______
प्रयागराज: मल्टीलेवल पार्किंग का निर्माण इसलिए कराया गया ताकि यातायात व्यवस्था को सुचारू किया जा सके। सिविल लाइंस बाजार से जाम खत्म हो और असुरक्षित तरीके से वाहन पार्क करने की लोगों की आदत भी बदले, लेकिन जाम तो नहीं खत्म हुआ, सरकार की इस पार्किंग में अवैध कारोबार जरूर शुरू हो गया। यह कारोबार पुरानी कारों की बिक्री का है, जो पार्किंग के संचालन के लिए जिम्मेदार नगर निगम की नाक के नीचे हो रहा है। कैसे हो रहा है यह अवैध कारोबार, इसे ही जानने के लिए रविवार को अमर उजाला की टीम सुभाष चौराहे के पास स्थित मल्टीलेवल पार्किंग में पहुंची। इस दौरान एक-एक कर अवैध कारोबार की परत दर परत खुलती चली गई|
प्रीपेड किओस्क के पास बैठे कर्मचारी ने दिया नंबर_____
हमें सबसे पहले मल्टीलेवल पार्किंग के ग्राउंड फ्लोर पर प्रीपेड किओस्क के पास एक कर्मचारी बैठा दिखा। वह गाड़ियों के नंबर का मिलान अपने रजिस्टर से करने के बाद ही पार्किंग से गाड़ियां निकलने देे रहा था। कुछ देर बातचीत के बाद रिपोर्टर ने कहा कि उसे एक सेकंड हैंड कार खरीदनी है। इस पर उसने सवाल किया कि उसे किसने भेजा है। रिपोर्टर ने कहा कि एक जानने वाले ने बताया है कि मल्टीलेवल पार्किंग में पुरानी कारें बिकती हैं।
उसने नाम पूछा तो रिपोर्टर ने कहा कि रविंद्र नाम के शख्स ने उसे भेजा है। इस पर कर्मचारी ने कहा कि आज रविवार है, ऐसे में कल आइए। रिपोर्टर ने कहा कि वह 30 किमी दूर मेजा से आया है और दोबारा आने में दिक्कत होगी। इसके बाद कर्मचारी ने एक मोबाइल नंबर दिया। कहा कि इस नंबर पर बात करिए, आपका काम हो जाएगा|
सेेकंड फ्लोर पर खड़ी हैं गाड़ियां, जाकर देख लीजिए______
रिपोर्टर ने किओस्क कर्मचारी से मिले नंबर 8081××××21 पर बात की और बताया कि उसे एक पुरानी कार खरीदनी है तो कॉल रिसीव करने वाले शख्स ने कहा कि कार तो मिल जाएगी, लेकिन संडे के चलते वह घर पर है, ऐसे में आप कल आइए। रिपोर्टर ने कहा कि कोई ऐसा है, जो उसे कार दिखा सकता हो तो कुछ देर सोचने के बाद उसने कहा कि थोड़ी देर रुकिए। तीन मिनट बाद उसने रिपोर्टर को व्हाट्सएप के जरिये छह कारों की तस्वीरें भेजीं|
इनमें अल्टो, वैगनआर, वरना, इयॉन व क्रेटा शामिल थीं। इसके बाद तुरंत ही उसने फोन कर बताया कि आपके पास तस्वीरें भेज दी हैं। यह गाड़ियां सेकंड फ्लोर पर खड़ी हैं, जाकर देख लीजिए। इसके बाद बात हो जाएगी। रिपोर्टर सेकंड फ्लोर पर पहुंचा तो वहां तीन गाड़ियां खड़ी मिलीं। इससे साफ हो गया कि सरकारी पार्किंग में अवैध रूप से पुरानी कारों को बेचने का कारोबार हो रहा है|
बिना नंबर की गाड़ियां भी हो रहीं पार्क________
मल्टीलेवल पार्किंग में गाड़ियों को पार्क किए जाने में भी नियमों का उल्लंघन किया जा रहा है। यहां बिना नंबर की गाड़ियां भी पार्क की जा रही हैं। जबकि इस पर पूरी तरह से रोक है। दरअसल अक्सर आपराधिक वारदातों में बिना नंबर की गाड़ियों का इस्तेमाल होता है और इसके बाद प्रयुक्त वाहनों को छिपाने के लिए पार्किंग स्थल सबसे सुरक्षित ठिकाना होते हैं। मल्टीलेवल पार्किंग सरकारी है, ऐसे में यहां बिना नंबर का वाहन पार्क करना और भी सुरक्षित है|
निजी फर्म को मिला है संचालन का ठेका______
मल्टीलेवल पार्किंग का निर्माण 2016 में हुआ था। इसके बाद इसके संचालन का जिम्मा नगर निगम को दे दिया गया। नगर निगम ने पहले निजी एजेंसी को ठेका दिया लेकिन शिकायतें मिलने पर खुद संचालन शुरू कर दिया। लेकिन सितंबर में फिर से निजी एजेंसी को ठेका दे दिया|
ऐसा संभव नहीं है, लेकिन अगर ऐसी शिकायत है तो इसकी जांच कराई जाएगी। साथ ही मामला सही मिलने पर दोषियों पर कार्रवाई होगी। – चंद्रमोहन गर्ग, नगर आयुक्त, नगर निगम|
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