दिल्ली से पहुंची टीम ने पूछा-शहर में 99 फीसद मौत क्यों, गांव में क्यों नहीं ?
झरखंड
जमशेदपुर : शहर में विस्फोटक हुआ कोरोना की स्थिति का जायजा लेने के लिए सोमवार को दिल्ली से केंद्रीय स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय की तीन सदस्यीय टीम जमशेदपुर पहुंची। टीम ने महामारी पर चिता जाहिर करते हुए पूछा कि शहर में इतने अधिक मौत क्यों, गांव में क्यों नहीं। इसकी गहराई में जाने की कोशिश करती दिखी। इसके बाद टीम ने कलेक्शन सेंटर तथा विभिन्न कंटेनमेंट जोन का निरीक्षण किया। सबसे पहले सिदगोड़ा कलेक्शन सेंटर का जायजा लिया। यहां लोगों से पूछताछ किया और जानने की कोशिश किया गया कि वे लोग बाहर से आए हैं या फिर जमशेदपुर के ही रहने वाले हैं। इसके बाद सीतारामडेरा कंटेनमेंट जोन, एग्रिको कंटेनमेंट जोन, बर्मामाइंस कंटेनमेंट जोन व टेल्को कंटेनमेंट जोन का निरीक्षण किया।
वहीं, मानगो आजाद नगर, उलीडीह में बने कंटेनमेंट जोन की स्थिति से भी अवगत हुई। टीम ने कंटेनमेंट जोन को लेकर कोई टिप्पणी तो नहीं की लेकिन कोरोना से हुई मौतों में 99 फीसद शहरी क्षेत्रों के शामिल होने से चिता प्रकट की। इतना ही नहीं, लगभग 90 फीसद शहरी क्षेत्रों में ही कोरोना पॉजिटिव मरीज भी मिले हैं। सबसे अधिक मानगो, कदमा, सोनारी, टेल्को, सिदगोड़ा, धतकीडीह क्षेत्र प्रभावित है। कोरोना से मरने वालों में लगभग 75 फीसद पुरुष शामिल हैं। जबिक 25 फीसद महिला है। महिलाओं के मुकाबले पुरुषों में संक्रमण भी अधिक है। लगभग 67 फीसद पुरुष व 32 फीसद महिला शामिल हैं। वहीं, पूर्वी सिंहभूम जिले में कोरोना से मरने वालों में 83.49 फीसद की उम्र 51 साल से ज्यादा है। इन लोगों की रिपोर्ट भी तलब की गई है। टीम ने जानने की कोशिश किया कि क्या मृतक सिर्फ कोरोना से ही ग्रस्त थे या फिर उन्हें कोई दूसरी बीमारी भी घेर रखी थी। इससे पूर्व केंद्रीय टीम ने उपायुक्त सूरज कुमार से उनके कार्यालय कक्ष में मुलाकात किया। इस मौके पर वरीय पुलिस अधीक्षक, सिविल सर्जन डॉ. आरएन झा, अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. साहिर पॉल, जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ. एके लाल सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे। टीम ने उपायुक्त से उनके द्वारा किए जा रहे प्रयासों को जाना और आने वाले चुनौतियों पर विमर्श किया। केंद्रीय टीम में डॉ तापस कुमार राय, डॉ पूर्णिमा तिवारी व डॉ अमरेंद्र महापात्रा शामिल हैं।
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मौत का कारण जानने को आज कोविड अस्पतालों का जायजा लेगी टीम
जमशेदपुर में अब तक 235 लोगों की कोरोना से मौत हो चुकी है। इसमें अधिकांश की मौत टाटा मुख्य अस्पताल (टीएमएच) में हुई है। यह भी एक बड़ा सवाल है। इसकी जांच-पड़ताल करने के लिए कई बार कमेटी गठित की गई, लेकिन रिपोर्ट हर बार संतोषजनक रही। इधर, मृतक के स्वजनों द्वारा लगातार लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा किया जा रहा है। इन सारे बिदुओं पर टीम जायजा लेगी और देखेगी कि इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) के नियम-कानून का पालन हो रहा या नहीं। सवाल यह भी उठ रहा है कि यदि अस्पताल की सुविधाएं बेहतर है तो इतनी अधिक मौत टीएमएच में क्यों हो रही हैं। इसके बाद टीम महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल, टाटा मोटर्स अस्पताल व टिनप्लेट अस्पताल का भी निरीक्षण करेगी।
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डेढ़ लाख से अधिक लोग जमशेदपुर पहुंचे
शहरी क्षेत्र में कोरोना फैलने का मुख्य कारण सही से निगरानी नहीं होना बताया जा रहा है। शुरुआती दौर में अधिकांश लोग क्वारंटाइन में न जाकर सीधे घर चले गए। नतीजा हुआ कि शहरी क्षेत्रों में कोरोना तेजी से फैल गया। वहीं, ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों ने दूसरे प्रदेश से आने वाले लोगों को पहले क्वारंटाइन में रहने को मजबूर किया। इसके बाद ही गांव में घुसने दिया। इससे वहां बीमारी कम फैली। बीते तीन माह में लगभग डेढ़ लाख लोग दूसरे प्रदेश से जमशेदपुर पहुंचे हैं। वहीं, चार हजार लोग विदेश से आए हैं। माना जा रहा है कि झारखंड में सबसे अधिक बिहार व बंगाल से लोग आए हैं और इन्हीं की वजह से संक्रमण अधिक फैला है। 60 फीसद केस का हिस्ट्री बंगाल और बिहार से जोड़कर देखा जा रहा है।
वहीं दूसरी ओर, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की टीम सोमवार को मानगो नगर निगम क्षेत्र में बनाए गए कंटेनमेंट जोन का दौरा कर निरीक्षण किया। इस दौरान केंद्रीय टीम आजादनगर बागान शाही, मुर्दा मैदान के पास बने कंटेंटमेंट जोन एवं कुंवर सिंह रोड उलीडीह के पास बने कंटेनमेंट जोन का निरीक्षण किया। इस मौके पर जिला प्रशासन के पदाधिकारी एवं मानगो नगर निगम के कार्यपालक पदाधिकारी रविद्र गागराई, नगर प्रबंधक जितेंद्र कुमार, दिनेश्वर यादव, अनय राज आदि उपस्थित थे। वहीं दूसरी ओर जिला प्रशासन द्वारा भेजे गए मेडिकल टीम द्वारा सोमवार को मानगो नगर निगम अंतर्गत बनाए गए कंटेनमेंट जोन में रहने वाले परिवार के 103 सदस्यों की जांच कराई।
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