October 3, 2024

तीन दिन बाद भी नवगठित कमिश्नरेट मे अफसरों की नही हुई तैनाती-

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तीन दिन बाद भी नवगठित कमिश्नरेट मे अफसरों की नही हुई तैनाती_______

 

कई बैठकों के बाद भी नहीं हुआ निर्णय

 

लखनऊ: आगरा, प्रयागराज और गाजियाबाद में पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू होने के तीन दिन के बाद भी अफसरों की तैनाती नहीं हो सकी। शीर्ष स्तर पर कई बैठकों के बाद भी कोई निर्णय नहीं हो सका। रविवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लखनऊ से बाहर थे, अब उनके लौटने के बाद ही कोई फैसला होने की उम्मीद है।

सूत्रों का कहना है कि शीर्ष स्तर पर निर्णय नहीं लिया जा पा रहा है कि किस अफसर को कहां भेजा जाए। संबंधित जिलों में पुलिस कमिश्नरेट के हिसाब से पदों के सृजन का प्रस्ताव भी अधर में है। यह प्रस्ताव 25 नवंबर को ही शासन को भेज दिया गया था। पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू होने की अधिसूचना भी 26 नवंबर को जारी कर दी गई|

 

इसका मतलब यह हुआ कि संबंधित जिलों में पुलिस से संबंधित अधिकतर मामलों में मजिस्ट्रेट का हस्तक्षेप समाप्त हो चुका है। ऐसे में आगरा, प्रयागराज और गाजियाबाद में तैनात अफसर भी ऊहापोह में हैं कि उनकी अब क्या भूमिका है। पुलिस कप्तान प्रभारी पुलिस आयुक्त के रूप में काम करें या पूर्व की तरह काम करते रहें|

 

तीनों जिलों में पहले से तैनात हैं एसपी रैंक के 11 अफसर_____

 

वर्तमान में गाजियाबाद में जो चार आईपीएस अधिकारी तैनात हैं उनमें 2009 बैच के आईपीएस मुनिराज जी (एसएसपी), 2017 बैच की दीक्षा शर्मा, निपुन अग्रवाल और इराज राजा सहायक पुलिस अधीक्षक के रूप में तैनात हैं। आगरा में भी एसपी रैंक के चार अफसर तैनात हैं। इसमें 2010 बैच के आईपीएस प्रभाकर चौधरी बतौर एसएसपी हैं। सहायक पुलिस अधीक्षक के रूप में 2017 बैच के सत्यजीत गुप्ता, विकास कुमार और सोमेंद्र मीना की तैनाती है। प्रयागराज में मौजूदा समय एसपी रैंक के तीन अफसरों की तैनाती है। इसमें 2011 बैच के शैलेश कुमार पांडेय एसएसपी के रूप में और 2017 बैच के सौरभ दीक्षित और अभिषेक कुमार अग्रवाल सहायक पुलिस अधीक्षक के रूप में तैनात हैं|

 

डीसीपी के पद पर 2015, 2016 और 2017 बैच के अफसरों की हो सकती है तैनाती_____

 

नवगठित कमिश्नरेट में डीसीपी के 9 पद सृजित किए जा रहे हैं। इन पदों पर 2015, 2016 और 2017 बैच के अफसरों की तैनाती की जा सकती है। इसके पीछे यह वजह बताई जा रही है कि यहां अपर पुलिस आयुक्त का पद वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक का होगा। ऐसे में उससे जूनियर अफसरों को ही डीसीपी के रूप में तैनाती दी जाएगी|