March 20, 2025

एसटीएफ बनकर वसूली करने वाले दो सिपाही बर्खास्त, एक सिपाही और मुखबिर फरार-

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*यूपी:एसटीएफ बनकर वसूली करने वाले दो सिपाही बर्खास्त, एक सिपाही और मुखबिर फरार*

 

यूपी के कानपुर में एसटीएफ बनकर अपहरण कर फिरौती के खेल में शामिल दो सिपाहियों को बर्खास्त कर दिया गया है। पुलिस कमिश्नर ने फीलखाना थाने में तैनात सिपाही मुकेश श्रीवास्तव और कोतवाली में तैनात हेड कांस्टेबल अमित कुमार को बर्खास्त किया है।

 

पुलिस ने मुकेश को गिरफ्तार कर लिया है। अमित अभी फरार है। शनिवार को सिपाही मुकेश समेत दो आरोपियों को जेल भेजा गया। मामला शुक्रवार रात गोविंदनगर में परचून दुकानदार रघुवीर चंद्र कपूर को अगवा कर फिरौती मांगने का है। आरोपी दुकानदार रघुवीर चंद्र पर भांग बेचने का आरोप लगाकर उठा ले गए थे।

 

रघुवीर के पूछने पर सभी ने कहा कि वे एसटीएफ से हैं, एक ने पुलिस की वर्दी पहन रखी थी। इस बीच वहां पहुंचे भतीजे पंकज के सामने चारों ने रघुवीर को कार में डाला और निकल गए। थोड़ी देर बाद बर्रा निवासी पूर्व पड़ोसी पुलिस का मुखबिर मोनू बॉक्सर रघुवीर के घर पहुंचा और बताया कि एसटीएफ ने उन्हें उठाया है।

वापस चाहते हो, तो 30 हजार रुपये लेकर बर्रा पानी की टंकी के पास आ जाओ। इसपर परिजनों ने इसकी जानकारी गोविंदनगर पुलिस को दे दी थी। जब परिजन रुपये लेकर बर्रा पानी की टंकी के पास पहुंचे, तो आरोपियों को पुलिस के आने की सूचना मिल गई।

पुलिस को देख वह रघुवीर को छोड़कर भाग निकले थे। देर रात ही पुलिस ने कार नंबर के आधार पर कार चालक बर्रा दो निवासी अभिषेक गुप्ता को पकड़ लिया था। उसने बताया कि वारदात में सिपाही मुकेश श्रीवास्तव और सिपाही अमित कुमार भी थे। उनके साथ मोनू बॉक्सर और चाय का होटल चलाने वाला शालू नंदा भी था।

देर रात पुलिस ने मुकेश और शालू नंदा को गिरफ्तार कर लिया। सिपाही अमित और मोनू बक्सर फरार हो गए। शनिवार को डीसीपी दक्षिण प्रमोद कुमार ने बताया कि मामले में अपहरण समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। सिपाही मुकेश और शालू को जेल भेज दिया गया है। चालक से पूछताछ जारी है।

 

*सिपाही मुकेश की थी प्लानिंग*

 

जेल भेजे गया सिपाही मुकेश 2017 से 2019 तक गोविंदनगर थाने में तैनात रहा था। उसे क्षेत्र के बारे में पूरी जानकारी है। इस दौरान ही उसकी बर्रा दो निवासी मुखबिर मोनू बॉक्सर और साकेत नगर निवासी टी स्टॉल संचालक शालू नंदा से मुलाकात हुई थी। मुकेश ने प्लान बनाया और अमित को शामिल किया।

इसके बाद अपहरण और फिरौती की वारदात कर डाली। सिपाही मुकेश को पता था कि परचून की दुकानों में भांग का चूर्ण पैकेट में बिकता है। बस एसटीएफ के नाम पर चारों ने वसूली का प्लान बनाया। पुलिस को शक है कि इसी तरह आरोपी कई और छोटे दुकानदारों से वसूली कर चुके होंगे।

 

*वसूली का ऑडियो वायरल*

 

अपहरण के बाद मोनू बॉक्सर और सिपाही मुकेश ने फोन पर बातचीत की थी, जिसका ऑडियो वायरल हो रहा है। इसमें मुकेश व्यापारी को छोड़ने के बदले कम से कम 40 हजार रुपये दिलवाने की मांग कर रहा है वहीं, मोनू कह रहा है कि 30 हजार रुपये ही मिल सकेंगे। पुलिस ने ऑडियो को साक्ष्य के तौर पर जोड़ लिया है

 

*एसटीएफ के नाम पर रौब गांठ कर रहे थे वसूली, कई बार हो चुकी थी शिकायत*

 

कानपुर के गोविंदनगर में परचून दुकानदार रघुवीर चंद्र कपूर के अपहरण का कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी शहर के कई लोग ऐसे हैं जो ऐसे कई पुलिस कर्मियों केचंगुल में फंसकर लाखों रुपये गवां चुके हैं। मामला संज्ञान में आने के बाद ज्वाइंट सीपी ने ऐसे पुलिसकर्मियों की सूची तैयार करने के आदेश दिए हैं।

 

कमिश्नरी के कुछ पुलिसकर्मियों का नया खेल उजागर हुआ है। ये पुलिसकर्मी शहर में अलग-अलग जगह दबिश देकर जब लोगों को उठाते हैं, तो खुद को एसटीएफ से बताते हैं। पिछले कुछ दिनों में ऐसे 15 मामले सामने आए हैं। इसका खुलासा तब हुआ, जब उठाए गए लोगों के परिजनों ने एसटीएफ से संपर्क किया था।

इसको लेकर एसटीएफ के अफसर परेशान हैं। एसटीएफ कानपुर यूनिट में तैनात एक पुलिस अफसर ने बताया कि कुछ समय पहले आर्य नगर से एक बाजपेई नाम का शख्स उठाया गया था। कल्याणपुर में वाहन चोर पकड़े थे। इस तरह के 12 और मामले हैं, जिसमें पुलिसकर्मियों ने खुद को एसटीएफ का बताया।

 

*एसटीएफ के नाम पर रौब गांठ कर रहे वसूली*

 

कमिश्नरी के कई पुलिसकर्मी विवादों से घिरे रहे हैं। एटीएम हैकर गिरोह में शामिल हेड कांस्टेबल अमित फरार है। सिपाही राजीव यादव समेत दो सिपाहियों की जांच चल रही है। वहीं हाल में बदमाश अंकित लाला का करीबी क्राइम ब्रांच में तैनात रहा दरोगा मोहम्मद आसिफ निलंबित भी किया जा चुका है।

वहीं, परचून व्यापारी के अपहरण के मामले में जेल भेजे गए मुकेश और कोतवाली थाने में तैनात अमित का भी एटीएम हैकर गिरोह में नाम सामने आया था। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि विवादों में घिरे ये पुलिसकर्मी खुद को एसटीएफ का बता लोगों को उठाते हैं। इसके बाद वसूली का खेल कर रहे हैं।

 

*दोनों सिपाही दागी, फिर भी मिली ड्यूटी*

 

परचून दुकानदार का अपहरण कर वसूली के मामले के आरोपी सिपाही मुकेश और अमित दोनों ही दागदार हैं। अमित पर 2020 में किदवईनगर थाने में अपहरण कर फिरौती मांगने की धारा में रिपोर्ट दर्ज की गई थी। इसी तरह उसने किसीका अपहरण कर फिरौती मांगी थी।

इस मामले में निलंबित कर दिया गया था। फिर भी उसे कोतवाली में तैनाती दे दी गई। अक्तूबर माह में बहाली भी कर दी गई थी इसके बावजूद वह गैर हाजिर चल रहा था। वहीं, आरोपी सिपाही मुकेश कुमार मूलरूप से प्रयागराज के शिवकुटी का रहने वाला है। वर्तमान में यशोदानगर में रहता है।

वर्ष 2017-2019 में वह गोविंदनगर, 2019 में बिधनू तथा वर्ष 2020 में चकेरी में तैनात रहा था। इस दौरान एटीएम हैकरों से सांठगांठ होने के आरोप में जांच के बाद वह निलंबित कर दिया गया था। 12 दिसंबर को ही उसे बहाल कर फीलाखाना थाने में तैनाती की गई थी।

मुकेश पहले भी कई मामलों में विवादों से घिरा रहा है, वह जेल भी जा चुका है। सवाल है कि एफआईआर होने और निलंबन की कार्रवाई के बाद भी दागदार पुलिस वालों को तैनाती दी गई। मुकेश तो विभाग में ही ब्लैक लिस्ट किया जा चुका था फिर भी उसे तैनाती कैसे दे दी गई।

 

*मई से बन रही है दागदार पुलिसकर्मियों की सूची*

 

पुलिस कमिश्नर के पास एसटीएफ बताकर कभी व्यापारी तो कभी छोटे मोटे अपराधी को उठाकर वसूली करने के कई मामले पहुंच चुके हैं। मई में ज्वाइंट सीपी ने ऐसे पुलिसकर्मियों की सूची तैयार करने के निर्देश दिए थे। तबसे सूची ही विभाग तैयार कर रहा है, दागदार पुलिस वाले वसूली का खेल खेलते जा रहे हैं।

दागी पुलिसकर्मियों की लिस्ट तैयार की जा रही है। जांच में दोषी पाए जाने पर विभागीय कार्रवाई होगी। -आनंद प्रकाश तिवारी, ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर