हिन्दू जनमानस में भाव का शृंगार होता है । देवी-देवता हमारे आराध्य देव है । जीनकी कृपा से हमारा मंगल होता है । वाराणसी महानगर में रस्तोगी ब्रदर्स ” मुकुटवाला ” की प्राचीन दुकान ठठ़ेरी बाजार भारतेंदु भवन के सामन स्थिति है । यहां देव विग्रह के साजो-शृंगार के सामान वृन्दावन के रेट पर वाराणसी में उपल्बध है ।
संस्थान के प्रोपराइटर तुषार रस्तोगी पुत्र सुधिर कुमार रस्तोगी जो मुकुट उद्योग के जनक कहे जाते है । जिन्होंने मुकुट उद्योग को देश-दुनिया में एक खास पहचान दिलाया । कभी यह व्यापार हजार-दो हजार का हुआ करता रहा । आज लाखों में होता है । वृन्दावन में जो फर्म रस्तोगी ब्रदर्स ” मुकुटवाला ” के नाम से है उसकी आधार – शिला सुधिर रस्तोगी ने ही रखीं है । वृन्दावन की इनकी प्रतिष्ठा इनके छोटे भाई सतीश रस्तोगी चलाते है । सतीश जी इनके प्रयास को आज संपूर्ण भारत में एक खास पहचान दिलाया है । सुधिर जी सरल , सहज , सामाजिक सेवा में अपनी उपस्थिति दर्ज कराते रहते है । आप अने सामाजिक संस्थाओं में पदेन है । आपने अनेक लोगों को आर्थिक व मानसिक सहयोग देकर इस मुकूट उद्योग में लाया और आज वह भी किसी पहचान को मोहताज नहीं है उनका भी व्यापार अपनी एक पहचान रखता है ।
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