खुलासा :-
कृषिनिदेशक की पोस्टिंग में लंब्बा खेल ,अनुभवी किनारे अनुभवहीन को पोस्टिंग
लखनऊ ।timeslive।उतर प्रदेश कृषि विभाग में इस समय नये अनुभव हीन कृषि निदेशक अजीतप्रताप सिंह की तैनाती से अफ़रा तफ़री है जिसका जीता उदाहरण यूरिया की काला बजारी ,यही नही इसके अलावा कई योजना की फ़ाइल पर बिना निर्णय लिये वापस करना इनके उसपर वार्ता या कुछ भी लिख कर लटकाना विभाग के अफसरो में परेसानी का सबक़ बना हुया है इनका कोई कुछ विगाड नही सकता क्यों की
इनकी पहुँच ऊपर तक है पूर्ब प्रमुख सचिव के खास बताये जाते है इसका उदाहरण इनका प्रमोशन है १० जून २०२० को इन्हें अपर निदेशक बनाया जाता है ३० जून को ही इनका निदेशक पद पर प्रमोशन होता है इसी दिन इन्हें कृषिनिदेशक पर तैनाती कर दी जाती है जब की इनसे शिनियर दो लोग पहले निदेशक वी.पी.सिंह जिनका रिटायरमेंट नज़दीक है वही निदेशक डा.रामशबद जयसवारा जिनका रिटायर मेंट एक वर्ष बाक़ी है सबसे बड़ा खेल कृषि विभाग के अनुभाग १से हुया जहाँ से मुख्य मंत्री कार्यलय को गुमराह करते हुये मात्र दो ही नाम bpसिंह तथा आजीत कुमार श्रीवास्तव का भेजा गया डा रामशबद जयसवारा का नाम लिस्ट में भेजा नही गया जो दलित वर्ग से आते है तथा गोरखपुर के ही रहने वाले है जबकि जब इस मसले पर अनुभाग से वार्ता की गई तो वहाँ से कहा गया की तीनो नाम की प्रस्तावना भेजा गया था पर प्रमुख सचिव के बाद मंत्री कृषि तक पहुँचते राम शब्द जयसवारा का नाम हटा दिया गया ,साथ ही एडीए से निदेशक के पद पर प्रमोशन पाने के आन्य अधिकारी निदेशक न बन सके डीपीसी की फ़ाइल दबा दी गई ,,सूत्रों का कहना है की ये सब इस लिये किया गया की पूर्ब प्रमुख सचिव चहेते वा सजातिये को कृषि निदेशक की पोस्टिंग मिल सके ?
आज अनुभवहीन अधिकारी की पोस्टिंग के चलते खाद की क़िल्लत ,आन्य किसान हित की योजना लटकी पड़ी है क्यों की फ़ाइल को लटकाया जाता है वजन बढ़ने पर ही फ़ाइल पास होती है
मुख्यमंत्री को इस मसले पर ध्यान देना होगा वरना





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