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हाथरस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने योगी सरकार को बड़ी राहत दी है.
कोर्ट ने हाथरस घटना को लेकर पीड़िता के परिजनों की तरफ से दाखिल बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका को खारिज कर दिया है.
पीड़िता के परिजनों की तरफ दाखिल याचिका पर गुरुवार को सुनवाई की गई थी.
सुप्रीम कोर्ट में मामला पेंडिंग होने और वकालतनामा नहीं होने के आधार पर पीड़िता के परिजनों की याचिका को खारिज कर दिया है.
याचिका खारिज होने के बाद याचिकाकर्ता के वकील सय्यद काशिफ अब्बास रिजवी का कहना है कि कोर्ट ने कॉन्सपिरेसी के चलते याचिका खारिज की है.
बता दें की पीड़ित परिवार की तरफ से वाल्मीकि महापंचायत ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में मृतका के भाई के व्हाट्सएप्प मैसेज के आधार पर अर्जी दाखिल की थी.
जिसमें उन्होंने अवैध रूप से कस्टडी में रखने, लोगों से मिलने नहीं देने और दिल्ली जाने से रोकने का आरोप लगाया गया था.
सुनवाई में कोर्ट ने राज्य सरकार से कहा है कि किसी को कहीं भी जाने नहीं रोका जाना चाहिए.
जिसके जवाब में राज्य सरकार की तरफ से कहा गया, किसी को कहीं भी जाने-आने की पूरी छूट है.
इसको लेकर राज्य सरकार की तरफ से कोर्ट में बकायदा एफिडेविट भी दिया गया.
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