*हलद्वानी (उत्तराखंड) के 50,000 हजार लोगों को बेघर होने से राहत सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत- अफसर महमूद*
उत्तराखंड के एक कस्बे हलद्वानी में प्रशासन रेलवे की ज़मीन को अतिक्रमण मुक्त करने के बहाने से तकरीबन 5000 घर तोड़ने की तैयारी कर रहा है।ये बस्ती, जिसे रेलवे अपनी बता कर हाईकोर्ट से केस जीत चुका है, हिंदू मुस्लिम आबादी है। 8 से ज़्यादा मस्जिदे और कई मंदिर है 20 से ज़्यादा स्कूल के साथ 5000 घर जिनमे तकरीबन 50,000 हजार लोग आबाद है।लोकल एडमिनिस्ट्रेशन इस इलाके को पूरा मैदान बनाने के लिए तैयार थी। घर खाली करके लोगो को इलाका खाली करने की मुनादी की जा चुकी है। आसपास के शहरों से एक्स्ट्रा पुलिस फोर्स बुला लिया गया है। पुलिस इलाके को चारों तरफ से घेर कर “हुक्म मिलने” के इंतज़ार में बैठी थी।बिजली विभाग ने इतने बड़े इलाके की सप्लाई यकदम काटने की प्रेक्टिस कर ली है। हत्ता के लोकल एडमिनिस्ट्रेशन को इसमें होने वाले खर्च का एस्टीमेट भी थमा दिया है।और सबसे ज़्यादा ध्यान देने वाली बात ये की आज़ादी के बाद शायद ये हिंदुस्तानी तारीख में पहली बार इतना बड़ा ईनक्रोचमेंट हो रहा है, मगर मेनस्ट्रीम मीडिया में खबर सिरे से गायब है। तमाम हिंदू मुस्लिम आबादी उत्तराखंड की कंपा देने वाली ठंड में दिन-रात हताश और बेबस घरों के बाहर धरना-
प्रदर्शन करके प्रशासन से राहत मिलने की उम्मीद लिए बैठे थे आखिर ऊपर वाले ने इनके दुआ कुबूल हुई और माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाई सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का ऑल इंडिया मजलिस इत्तेहादुल मुस्लिमीन के पूर्व प्रवक्ता अफसर महमूद ने स्वागत किया स्वागत करने वाले अन्य लोगों में मोहम्मद उस्मान,फैसल वारसी, इफ्तेखार अहमद मंदर, अरशद अली ,दानिश अंसारी, मोहम्मद तारीक अंसारी, मुस्ताक अहमद राजू आदि लोग थे ।
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