*विश्वविद्यालय को किया गया बन्द, छात्रों से विश्वविद्यालय प्रशासन की वार्ता असफल…*
वाराणसी। महामना की बगिया में हुए छात्र की हत्या के बाद बुधवार को कैम्पस का माहौल गर्म है। मृतक छात्र गौरव के शव का पोस्टमार्टम के बाद हरिश्चन्द्र घाट पर अंतिम संस्कार किया गया। छात्रों ने साथी गौरव को अंतिम विदाई देने के बाद विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार को बंद कर चीफ प्रॉक्टर की बर्खास्तगी और गिरफ़्तारी की मांग को लेकर धरने पर बैठ गए। हत्या के बाद छात्रों के आक्रोश को देखते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन ने कैम्पस को बंद कर दिया, वही अस्पताल सुचारु रुप से चलता रहा। मुख्यद्वार बन्द होने से मरीजों को सांसत झेलनी पड़ी, हालांकि अन्य द्वार खुले थे। जिला प्रशासन घटना के बाद से ही विश्वविद्यालय में फोर्स की तैनाती कर दी है। मुख्य द्वार और कुलपति आवास पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
साथी गौरव की हत्या के बाद चीफ प्रॉक्टर के विरुद्ध धरने पर बैठे छात्रों के आक्रोश को देखते हुए जैसे ही खुफियातंत्र ने इसकी जानकारी विश्वविद्यालय प्रशासन को दी वैसे ही रजिस्टार नीरज त्रिपाठी, डीन आयुर्वेद प्रो. यामिनी भूषण, आर.पी. पाठक समेत आधा दर्जन अधिकारी जिला प्रशासन के साथ आंदोलनरत छात्रों से मिलने पहुंचे। वार्ता के दौरान आशुतोष सिंह ने आरोप लगाया कि हर घटना के बाद चीफ प्रॉक्टर को बचाने के लिए जाँच समिति का लॉलीपॉप दे दिया जाता है। आरोप लगाया कि चीफ प्रॉक्टर छात्रों पर ही छेड़खानी का आरोप लगाती है, इतना ही नहीं उन्होने छात्रों के एक गुट को संरक्षण प्राप्त है। आरोप लगाया कि चीफ प्रॉक्टर बिड़ला ‘अ’, ‘ब’, राजाराम छात्रावास, रुईया, ब्रोचा छात्रावास में छापेमारी करवाती है मगर बिड़ला ‘स’ में जांच नहीं की जाती। वार्ता असफल होने के बाद जिला प्रशासन, विश्वविद्यालय प्रशासन कुलपति आवास पर बैठक कर रहे है।
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