*सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को बड़ा फैसला सुनाते हुए केंद्र सरकार के 2016 में 500 रुपये और 1000 रुपये के नोटों को बंद करने के फैसले को रखा बरकरार सुप्रीम कोर्ट ने मोदी सरकार की नोटबंदी को चुनौती देने वाली 58 याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सुनाया यह फैसला*.
*जस्टिस अब्दुल नजीर की अध्यक्षता वाली 5 जजों की संवैधानिक बेंच ने कहा किआर्थिक फैसलों को बदला नहीं जा सकता इससे पहले जस्टिस अब्दुल नजीर की अध्यक्षता वाली 5 जजों की संवैधानिक बेंच ने पांच दिन की बहस के बाद 7 दिसंबर को अपना फैसला रख लिया था सुरक्षित*
*फैसला सुनाने वाली बेंच में जस्टिस अब्दुल नजीर, जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस ए.एस. बोपन्ना, जस्टिस वी.रामासुब्रमण्यन और जस्टिस बी.वी. नागरत्ना रहे शामिल*
*जस्टिस बीवी नागरत्ना ने कहा कि मैं साथी जजों से सहमत हूं लेकिन मेरे तर्क अलग हैं. मैं सभी 6 सवालों के अलग जवाब दिए हैं. मैंने आरबीआई के महत्व और उसके अधिनियम और देश की आर्थिक नीतियों का किया उल्लेख*
*जस्टिस बीबी नागरत्ना ने कहा, भारतीय रिजर्व बैंक भारतीय अर्थव्यवस्था की दीवार है.मैंने दुनिया भर में इस तरह की विमुद्रीकरण कवायद के इतिहास का दिया है हवाला जस्टिस बीबी नागरत्न ने कहा कि हमें आर्थिक या वित्तीय निर्णय के गुण दोष नहीं निकालने हैं*
*सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नोटबंदी से पहले केंद्र और आरबीआई के बीच सलाह-मशविरा हुआ था.सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि नोटबंदी का फैसला लेते समय अपनाई गई प्रक्रिया में नहीं थी कोई कमी इसलिए उस अधिसूचना को रद्द करने की नहीं है कोई जरूरत*
More Stories
यूपी विद्युत नियामक आयोग ने 8 मई को बुलाई बड़ी बैठक –
यूपी में 4 मई को होने वाले निकाय चुनाव के मतदान से पहले भारत-नेपाल की सीमा को किया जाएगा सील-
सीआईएसएफ की परीक्षा में पकड़े गए दो मुन्ना भाई-