ये ‘विकास’ का नहीं सिर्फ़ पैसे के ‘निकास’ का बजट है। सपा मुखिया अखिलेश यादव ने ट्वीट के माध्यम से सरकार पर साधा निशाना
भाजपा सरकार के पिछले बजटों ने अगर अपनी सही भूमिका निभायी होती तो स्वास्थ्य, शिक्षा, खेती-मज़दूरी, काम-कारोबार व रोज़ी रोज़गार जैसे मूलभूत मानकों पर उप्र में पिछले कुछ सालों में जो बदहाली का दौर आया है, उससे उप्र बच सक
सकता था ।
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