March 16, 2025

रिटायरमेंट के बाद मिले पैसों से नौकरी के दौरान हुए अधिक भुगतान की वसूली करना गलत : हाईकोर्ट-

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रिटायरमेंट के बाद मिले पैसों से नौकरी के दौरान हुए अधिक भुगतान की वसूली करना गलत : हाईकोर्ट

 

कटौती की गई धनराशि को ब्याज सहित वापस करने का निर्देश

 

अधिक भुगतान के दोषी अधिकारी के खिलाफ सरकार को धनराशि वसूल करने की मिली छूट

 

प्रयागराज 18 दिसंबर।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने निर्णय दिया कि रिटायरमेंट के बाद कर्मचारी को मिले पैसों से नौकरी के दौरान हुए अधिक भुगतान की वसूली करना गलत है। कोर्ट ने इसी के साथ पीएसी के प्लाटून कमांडर रहे सुरेश चंद यादव तथा उत्तर प्रदेश पुलिस विभाग से रिटायर इंस्पेक्टर गोपाल सिंह से सेवानिवृत्त के बाद की गई वसूली को ब्याज सहित वापस करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने प्रदेश सरकार को यह छूट कि चाहे तो नौकरी के दौरान किए गए अधिक भुगतान के जिम्मेदार अधिकारी से उनका दायित्व निर्धारित करते हुए उनसे वसूली करें।

 

सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारियों की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता विजय गौतम का कहना था कि याचीगण से पैसों की कटौती बगैर विभागीय कार्यवाही संपादित किए की गई है। बहस की गई थी इस प्रकार का वसूली आदेश भारतीय संविधान के अनुच्छेद 300- ए का उल्लंघन है तथा इसे रद्द किया जाना चाहिए। अधिवक्ता का कहना था कि सेवा के दौरान जो वेतन दिया गया वह शासनादेशों के अनुकूल था। कहा गया कि याचीगण की इसमें कोई गलती नहीं थी और न ही इन्होंने धोखे से वेतन प्राप्त किया था।

 

यह फैसला जस्टिस पंकज भाटिया ने सुरेश चंद्र यादव प्लाटून कमांडर पीएससी तथा इंस्पेक्टर गोपाल सिंह की याचिकाओं पर पारित किया है। दोनों पुलिस विभाग के अधिकारियों ने रिटायरमेंट के बाद उनके विरुद्ध पारित वसूली आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। रिटायरमेंट के बाद याचीगणों की ग्रेच्युटी एवं पेंशन से पैसों की कटौती कर ली गई थी तथा कहा गया था कि यह कटौती इस कारण की जा रही है कि सेवाकाल के दौरान उन्हें अधिक वेतन भुगतान किया गया था।