राज्य व मुक्त विश्वविद्यालयों की परीक्षा में आड़े नहीं आएगी धन की कमी, राज्यपाल का अहम निर्णय_____
प्रयागराज:- गुरुदीप त्रिपाठी /प्रोफेसर राजेंद्र सिंह (रज्जू भइया) राज्य विश्वविद्यालय और उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय समेत प्रदेश के सभी राज्य विश्वविद्यालयों की वार्षिक और सेमेस्टर परीक्षा में अब धन की कमी आड़े नहीं आएगी। विश्वविद्यालय प्रशासन अब परीक्षा से पूर्व परीक्षार्थियों की संख्या के आधार पर कालेजों को एकमुश्त धनराशि आवंटित करेगा। राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने कुलाधिपति की हैसियत से यह अहम निर्णय लिया है। प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को इस आशय का पत्र भेज दिया गया है।
खास बात यह है कि रज्जू भइया राज्य विश्वविद्यालय ने सेमेस्टर परीक्षा में यह व्यवस्था लागू भी कर दी।
राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने नौ सदस्यीय कमेटी गठित की थी-
विश्वविद्यालयों की ओर से परीक्षा संपन्न कराने के लिए महाविद्यालयों को अग्रिम धनराशि दी जाती है। इसका समायोजन वर्षों तक नहीं हो पाता है। ऐसे में आडिट करने वाले संगठनों द्वारा अग्रिम का समायोजन नहीं होने पर आपत्ति की जाती है। इस लिहाज से राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने कुलाधिपति की हैसियत से अपर मुख्य सचिव महेश कुमार गुप्ता की अध्यक्षता में नौ सदस्यीय कमेटी गठित की।
कमेटी में डा. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय लखनऊ, छत्रपति शाहूजी महराज विश्वविद्यालय कानपुर, दीनदयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय गोरखपुर के कुलपति, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ वाराणसी और डा. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा के वित्त नियंत्रक, चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ और लखनऊ विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक और कुलाधिपति के विशेष कार्याधिकार (शिक्षा) सदस्य के तौर पर शामिल थे।
परीक्षा के लिए विश्वविद्यालयों की ओर से नहीं मिलेगी अग्रिम धनराशि
कमेटी ने सर्वसम्मति से संस्तुत किया कि विश्वविद्यालय द्वारा शासन के उच्च शिक्षा विभाग द्वारा निर्धारित दर के अनुसार ही परीक्षा आयोजन के लिए परीक्षा केंद्रों की धनराशि का भुगतान किया जाए।
केंद्र पर आवंटित परीक्षार्थियों की संख्या और प्रति परीक्षा के लिए निर्धारित दर के आधार पर गणना करके केंद्र व्यय के लिए सकल राशि परीक्षा आरंभ होने से पूर्व एकमुश्त दी जाए। यह धनराशि अग्रिम के रूप में नहीं होगी और न इसका समायोजन अपेक्षित होगा।
परीक्षा के बाद इसका उपभाग प्रमाणपत्र प्राप्त कर लिया जाएगा।
केंद्र अध्यक्ष और सहायक केंद्र अध्यक्ष तथा कक्ष निरीक्षक के पारिश्रमिक का भुगतान इनकी वास्तविक उपस्थिति के आधार पर किया जाएगा। इसके लिए केंद्र अध्यक्ष प्रतिदिन के आधार पर इनकी उपस्थिति आनलाइन विश्वविद्यालय को प्रेषित करेंगे।
बोले, रज्जू भइया राज्य विश्वविद्याल के कुलपति
प्रोफेसर राजेंद्र सिंह (रज्जू भइया) राज्य विश्वविद्यालय के कुलपति डा. अखिलेश सिंह ने बताया कि अब तक यह प्रावधान था कि विश्वविद्यालय परीक्षा केंद्र बनने वाले कालेजों को अग्रिम धनराशि का भुगतान करते थे। इसका समायोजन वर्षों तक नहीं हो पाता था। अब राज्यपाल के निर्देश पर परीक्षा के लिए कालेजों को एकमुश्त धन आवंटित किया जाएगा। सेमेस्टर परीक्षा में यह व्यवस्था लागू भी कर दी गई।
– डा. अखिलेश ङ्क्षसह, कुलपति।
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