*मोदी सरकार के मंत्री वीके सिंह का बड़ा ऐलान- यूक्रेन छोड़े भारतीय छात्र पोलैंड में पढ़ाई पूरी कर सकेंगे, भारत मे भी स्वास्थ्य मंत्रालय ने लाइसेंस कानून बदलने के लिए चिट्ठी लिखी*
यूक्रेन में MBBS समेत विभिन्न कोर्सों में पढ़ाई कर रहे करीब 20 हजार भारतीय छात्रों के लिए राहत भरी खबर है. यूक्रेन छोड़कर आने वाले भारतीय छात्रों के लिए पोलैंड की यूनिवर्सिटीज के दरवाजे खोले जाएंगे. पोलैंड गए भारत सरकार के राज्यमंत्री एवं गाजियाबाद सांसद जनरल वीके सिंह ने यह बड़ा ऐलान किया है. उन्होंने कहा कि यूक्रेन छोड़ने वाले बच्चों की पढ़ाई हर हाल में पूरी कराई जाएगी. हालांकि यह पढ़ाई किस तरह पूरी होगी, पोलैंड की यूनिवर्सिटी ऐसे छात्रों के एडमिशन किस तरह लेंगी, इस पर विस्तृत प्लानिंग बनाने की जरूरत है. बता दें कि युद्ध के बाद हजारों छात्रों ने यूक्रेन तो छोड़ दिया, लेकिन वह अधूरी पढ़ाई को लेकर बेहद चिंतित थे.
वहीं इनकी पढ़ाई पर असर न हो, इसलिए वहां से लौटने वाले मेडिकल छात्रों को भारत के कॉलेजों में दाखिला दिलाने की तैयारी की जा रही है. इसके लिए केंद्र सरकार फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट लाइसेंसिंग रेगुलेशन एक्ट में बदलाव पर विचार कर रही है. केंद्रीय स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि संभव है कि शुक्रवार को इस मुद्दे पर अहम बैठक हो. स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से नेशनल मेडिकल कमीशन को एक चिट्ठी लिखी जा रही है, जिसमें कहा जाएगा कि FMGL रेगुलेशन एक्ट-2021 में बदलाव किया जाए, ताकि बाहर से आने वाले स्टूडेंट्स को दाखिला मिल सके. अभी तक फॉरेन मेडिकल कॉलेज से पढ़ाई करने वाले छात्रों को कोर्स की पूरी अवधि के अलावा ट्रेनिंग और इंटर्नशिप भारत से बाहर ही करनी होती है. यूक्रेन में 6 साल में MBBS होता है, फिर 2 साल इंटर्नशिप होती है. ऐसे में पढ़ाई बाधित हुई तो हजारों बच्चों का भविष्य संकट में पड़ जाएगा.
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