December 5, 2024

मुंबई में कोरोना के एक दिन में 8000 से अधिक केस, कल से 27% ज्यादा मरीज, महाराष्ट्र में करीब 12000 मामले-

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मुंबई में कोरोना के एक दिन में 8000 से अधिक केस, कल से 27% ज्यादा मरीज, महाराष्ट्र में करीब 12000 मामले

 

 

मुम्बई : पिछले 24 घंटे के दौरान मुंबई में कोरोना से संक्रमित 578 मरीजों को इलाज के बाद अस्पताल से छुट्टी मिली है, जबकि इस वक्त शहर में सक्रिय मरीजों की संख्या 29,819 है. मुंबई में एक दिन पहले शनिवार को 6,347 संक्रमित मरीजों की पहचान हुई थी.

 

देश की आर्थिक राजधानी में संक्रमित मामलों की कुल संख्या अब 7,99,520 हो गई है. बीएमसी की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, शहर में कोविड से मरनेवालों की संख्या 16,377 बनी हुई है क्योंकि पिछले 24 घंटों में इस बीमारी से किसी की मौत नहीं हुई. इसके अलावा, इस अवधि के दौरान 503 लोगों को या तो अस्पताल से छुट्टी दे दी गई या फिर वे संक्रमण से उबरे, जिससे शहर में ठीक होने वालों की संख्या 7,50,736 हो गई है.

 

महाराष्ट्र में 24 घंटे में कोरोना के 11877 केस

दूसरी ओर, महाराष्ट्र में पिछले 24 घंटे में कोविड-19 के 11,877 नए मामले सामने आए और इस दौरान 2,069 मरीज ठीक हुए, जबकि 9 लोगों को इस वायरस की वजह से अपनी जान गंवानी पड़ी. राज्य में फिलहाल 42,024 सक्रिय मामले हैं. इसके साथ ही प्रदेश में ओमिक्रॉन संक्रमण के भी 50 नए मरीज सामने आए हैं. इसके साथ ही महाराष्ट्र में कुल ओमिक्रॉन संक्रमितों की संख्या 510 हो गई है.

 

 

टोपे ने पत्रकारों से औरंगाबाद में कहा, “लॉकडाउन लगाने पर अभी चर्चा नहीं हो रही है. सरकार संक्रमण के मामलों, दर, अस्पतालों में बिस्तरों की संख्या और ऑक्सीजन के उपभोग पर गौर करते हुए पाबंदियों के बारे में फैसला लेगी. अगर दैनिक (चिकित्सीय) ऑक्सीजन की आवश्यकता 700 मीट्रिक टन को पार करती है तो राज्य में लॉकडाउन लग जाएगा.”

 

उद्धव ठाकरे जल्द करेंगे शीर्ष अधिकारियों संग बैठक

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, “अभी हमने सामाजिक समारोहों पर कुछ पाबंदियां लगायी हैं. अगर इससे संक्रमण का प्रसार नियंत्रित होता है तो बढ़िया है. वरना हमें सख्त पाबंदियां लगानी पड़ेंगी.” उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे इस संबंध में जल्द ही शीर्ष अधिकारियों की एक बैठक करेंगे. उन्होंने कहा कि मौजूदा हालात में ओमिक्रॉन और डेल्टा स्वरूप के संक्रमण के मामलों का पता लगाना महत्वपूर्ण है और राज्य के प्रत्येक प्रशासनिक मंडल में कम से कम एक जीनोम अनुक्रमण लैब की आवश्यकता है.