September 7, 2024

महिला अपराध जैसे संवेदनशील मामले में संवेदनहीन वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस 17 दिनों से लापता महिला का पता लगाने में असमर्थ-

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महिला अपराध जैसे संवेदनशील मामले में संवेदनहीन वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस

17 दिनों से लापता महिला का पता लगाने में असमर्थ वाराणसी कमिश्नरेट की सिगरा पुलिस

वाराणसी। 17 दिन पहले 34 वर्षीय विवाहिता घर से गायब हो जातो है और वाराणसी कॉमिशनरेट की पुलिस उसको तलाश करने में कोई दिलचस्पी नही दिखती, यहां तक सिगरा थानांतर्गत नगर निगम चौकी प्रभारी नीरज ओझा खोई युवती का फ़ोन तक नही उठाते।

बात दें कि 1 मार्च 22 की शाम एक 34 वर्षीय महिला अकेले किसी काम से बाहर निकलती है और घर वापस नही लौटती, परिजन परेशानहाल सभी जगह तलाश करते है लेकिन विवाहिता का कहीं पता नही चलता, थक हारकर इसकी सूचना सिगरा थाना पर करते है और 2 मार्च को इसकी गुमशुदगी GD में दर्ज कर ली जाती है।

गायब होने के बाद उस विवाहिता ने गोरखपुर-बस्ती मार्ग पर एक सहज केंद्र से पैसे भी निकले उसके साथ कोई अन्य व्यक्ति भी था, इसकी भी जानकारी पति ने सिगरा पुलिस को दिया, लेकिन आज आधा महीना गुजर जाने के बाद महिला अपराध जैसे अति संवेदनशील मामले में पुलिस सीडीआर तक नही निकलवा पाई। परिजन किसी हनहोनी की आशंका में बार बार पुलिस से संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन पुलिस सीडीआर न होने की बात जह कर उनको दफा कर दे रही है।
पति बार-बार बात रहा है कि विवाहिता के मोबाइल पर एक्टिव गेम फ्री फायर को खेला जा रहा है लेकिन नगर निगम चौकी प्रभारी अब उसके ययाति का फोन भी उठाना जरूरी नही समझ रहें हैं।

पूर्व की तरह कहीं मनाव तस्करी की शिकार तो नही हुई विवाहिता

ज्ञात हो कि पहले भी महिला अपराध से जुड़े अतिसंवेदनशील मामलों को नजरअंदाज करना पुलिस को बहुत भारी पड़ा था। एक घटना जुलाई-अगस्त 2020 की है जब लालपुर-पांडेपुर थाने का सृजन हुआ था वहां एक व्यक़्क्ति की पत्नी और बेटी घर से गायब हो गई थी और इसकी सूचना थाने पर देने पर पुलिस ने गंभीरता से नहीं लिया, जिसके फलस्वरूप उक्त व्यक्ति ने ट्रेन के आगे कूदकर जान दे दी और उसकी पत्नी और बेटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग की शिकार हो गई थी।