प्रयागराज में नसबंदी के बाद महिला मरीजों को नहीं मिली एंबुलेंस की सहायता______
कौंधियारा प्रयागराज: स्वास्थ्य विभाग की लापरवाहियां आएं दिन उजागर हो रही है। लेकिन उसके बावजूद भी स्वास्थ्य विभाग में व्याप्त अनियमितताएं सुधरने का नाम नहीं ले रही है। कुछ इसी तरह से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कौंधियारा में देखा गया, जहां आज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र महिला नसबंदी कैंप का आयोजन किया गया। जिसने आशा बहुओं के सहयोग से अलग-अलग ग्राम सभाओं से महिलाएं कैंप में नसबंदी कराने आई। महिलाओं को नसबंदी के बाद उनको अस्पताल से उनके घर तक पहुंचाने के लिए आशा बहुओं से सेटिंग करके 108 व 102 एंबुलेंस चालकों के द्वारा 100 से 200 रूपए की सुविधा शुल्क ली जा रही है। वही जिस मरीज के पास पैसे देने की क्षमता नहीं है उसे अस्पताल से एंबुलेंस सहायता नहीं मिल पा रही हैं। खीरी गांव की रहने वाली बदामा देवी ने बताया कि उनकी नातिन रंजना पाल का कैंप में नसबंदी होने के बाद उन्हें अस्पताल से घर पहुंचाने के लिए एंबुलेंस चालक के द्वारा पैसे मांगे जा रहे हैं, पैसे न होने की वजह से वह अपने नातिन को अस्पताल के बाहर बेहोशी की हालत में बैठी है घर के अन्य सदस्यों के आने का इंतजार वह कर रही हैं। जबकि इसी तरह से ढोढ़री गांव के जगपाल के द्वारा बताया गया कि आशा बहू के द्वारा उनसे एंबुलेंस से उनके घर के मरीज को घर तक पहुंचाने के लिए 100 रूपए मांगे जा रहे हैं और पैसे न देने पर उन्हें भी एंबुलेंस की सहायता नहीं दी गई। जिससे वह बाइक से नसबंदी कैंप में आई अपनी भाभी को लेकर घर जा रहे हैं|
जबकि अस्पताल में मौजूद चिकित्सकों से पूछने पर उनके द्वारा बताया गया कि गुरुवार को आयोजित किए गए नसबंदी कैंप में कुल 56 महिलाओं की परिवार नियोजन के तहत नसबंदी हुई है। वही चिकित्सक के पास मौजूद कुछ महिलाओं के द्वारा यह भी बताया गया कि नसबंदी कैंप में आई उनके घर की महिलाओं को बेड की जगह जमीन पर लिटाया गया है क्योंकि अस्पताल में कुल 12 बेड ही मौजूद हैं और 56 महिलाओं की नसबंदी हुई है|
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