जिलाधिकारी ने की है लोकसभा चुनाव 2019 की खास तैयारी, हाईटेक तकनीक का प्रयोग बिगाड़ देगा किसी भी प्रत्याशी का खेल
वाराणसी. लोकसभा चुनाव 2019 बेहद खास होने वाला है। चुनाव में किस राजनीतिक दल को जीत मिलती है यह तो जनता तय करेगी। लेकिन चुनाव में नियमों का पूरी तरह से पालन हो। इसके लिए जिला प्रशासन ने कमर कस ली है। जिलाधिकारी सुरेन्द्र सिंह ने कहा कि इस बार मतदान से पहले ही सारे अधिकारियों को एक्सपर्ट बनाया जा रहा है, जिससे किसी प्रकार की अफरातरफरी या अव्यवस्था की स्थिति न उत्पन्न हो पाये।
डीएम सुरेन्द्र सिंह ने कहा कि निर्वाचन आयोग ने जो नियम बनाये हैं उसका पालन सभी प्रत्याशियों को करना होगा। ईवीएम को जीपीएस लगे वाहनों से भेजा जायेगा। यदि किसी कारण वाहन में जीपीएस की सुविधा नहीं है तो उसमे जिस अधिकारी की तैनाती की जायेगी। वह अपने मोबाइल का जीपीएस ऑन रखेगा। फ्लाइंग स्क्वॉड के वाहन पर भी जीपीएस लगा होगा। जिससे उनके मूवमेंट पर नजर रखना बेहद आसान हो जायेगा। डीएम ने कहा कि चुनाव लडऩे से पहले प्रत्याशी सभी नियमों की जानकारी लेंगे तो उन्हें आसानी होगी।
बिना प्रत्याशी के अनुमति से किया प्रचार तो खानी पड़ सकती है जेल की हवा
बनारस में एक प्रत्याशी अधिकतम 70 लाख खर्च कर सकता है। प्रत्याशियों के चुनावी खर्च पर बहुत पैनी नजर रखी जायेगी। आम तौर पर प्रत्याशियों की शिकायत रहती है कि विरोधी दल फंसाने के लिए अपने लोगों से दूसरे का चुनाव प्रचार कराते हैं तो नियमानुसार कार्रवाई की जायेगी। जिलाधिकारी ने बताया कि 171 h आईपीसी के तहत प्रत्याशी से बिना अनुमति लिए चुनाव प्रचार करने वाले पर कार्रवाई की जायेगी। डीएम के बात से साफ हो चुका है कि कोई भी समर्थक अपने प्रत्याशी का चुनाव प्रचार करता है तो उसे हर हाल में प्रत्याशी से अनुमति लेनी होगी। 10 रुपये तक के चुनाव प्रचार में अनुमति नहीं ली है तो छूट मिल सकती है वर्ना कार्रवाई का चाबुक चल जायेगा।6
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