प्रतापगढ़ में सीओ सदर की भूमिका की भी होगी जांच, विवेचना में घालमेल पर दारोगा, 2 पुलिसकर्मी निलंबित हैं-
प्रयागराज:- यूपी के प्रतापगढ़ जनपद का यह मामला है। हमले में घायल वृद्ध की मौत की घटना में विवेचक ने घालमेल किया गया। आरोपितों से पुलिस की मिलीभगत का आरोप था। ऐसे कृत्य का पता चलने पर एसपी ने तीन कर्मियों को निलंबित कर दिया। साथ ही गुणवत्तापूर्ण पर्यवेक्षण न करने पर सीओ सदर की भी जांच की बात कही है।
मारपीट में वृद्ध की मौत का मामला : मामला प्रतापगढ़ में बाघराय थाना क्षेत्र के कोर्रही गांव का है। यहां के निवासी मोहम्मद इसहाक (65) का पड़ोसी से जमीन पर कब्जे को लेकर विवाद चल रहा था। इसी रंजिश में दोनों पक्ष में 19 फरवरी 2022 को मारपीट हो गई थी। लाठी-डंडे से किए गए हमले में इसहाक गंभीर रूप से घायल हो गया था। दूसरे दिन इलाज के दौरान उसने दम तो़ड़ दिया था।
जांच के बाद एसपी ने निलंबन की कार्यवाई की : इस मामले में दर्ज मुकदमे की विवेचना दारोगा हरिमोहन को सौंपी गई थी। विवेचना के दौरान साक्ष्य संकलन में लापरवाही की और आरोपितों के विरुद्ध गैर इरादतन हत्या की धारा में चार्जशीट कोर्ट में भेज दी। इसे आरोपितों से साठगांठ माना गया। इस हेराफेरी की जानकारी होने पर एसपी ने जांच कराई। इसमें यह बात सामने आई कि विवेचक दारोगा हरिमोहन ने विवेचना और साक्ष्य संकलन में लापरवाही की। इसमें सीओ सदर के मुंशी जैनेंद्र व पेशकार की भी संलिप्तता मिली। इस पर तीनों पर गाज गिर गई।
प्रतापगढ़ के एसपी बोले : प्रतापगढ़ के एसपी सतपाल अंतिल का कहना है कि विवेचना गुणवत्ता नहीं करने पर विवेचक हरिमोहन, सीओ के मुंशी जैनेंद्र व पेशकार को सस्पेंड किया गया है।
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