November 3, 2024

पूज्य संतों की विशिष्ट परंपरा से आते हैं ब्रह्मलीन श्री सतुआ बाबा-योगी आदित्यनाथ-

Spread the love

वाराणसी/दिनांक 11 नवम्बर, 2022 (सू0वि0)

 

*पूज्य संतों की विशिष्ट परंपरा से आते हैं ब्रह्मलीन श्री सतुआ बाबा-योगी आदित्यनाथ*

 

*ब्रह्मलीन श्री सतुआ बाबा की 10वीं पुण्यतिथि पर मुख्यमंत्री योगी ने अर्पित की श्रद्धांजलि*

 

*सतुआ बाबा आश्रम की ओर से संचालित गौ सेवा और लोक कल्याणकारी कार्यों की सीएम ने की सराहना*

 

*काशी बहुत विशिष्ट है, इसे बाबा विश्वनाथ की कृपा, काल भैरव का संरक्षण और मां गंगा का आशीर्वाद मिला है-मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ*

 

*काशी की धरती बहुत विशिष्ट*

 

*मुख्यमंत्री ने गौ सेवा और संस्कृति को आगे बढ़ाने के लिए की प्रशंसा*

 

*मुख्यमंत्री ने किया श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन पूजन किया*

 

*उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री सतुआ बाबा आश्रम में जमुना दास जी महाराज की पुण्यतिथि कार्यक्रम में हुए शामिल*

 

वाराणसी। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के त्र्यंबक भवन में आयोजित षष्ठ पीठाधीश्वर सतुआ बाबा यमुनाचार्य महाराज की श्रद्धांजलि सभा व पुण्यतिथि कार्यक्रम में उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।

इससे पूर्व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन पूजन किया और प्रदेशवासियों के कल्याण की कामना की। पूजन करने के पश्चात मुख्यमंत्री को अंग वस्त्र दुपट्टा माला प्रसाद भेंट किया गया।

तत्पश्चात मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ धाम के त्रियंबकेश्वर हाल में आयोजित संत श्री यमुनाचार्य जी सतुआ बाबा के श्रद्धांजलि सभा में उपस्थित होकर षष्ठ पीठाधीश्वर सतुआ बाबा यमुनाचार्य महाराज को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने उनके तैल चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करते हुए दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उपस्थित संतो व विद्वतजनों और बटुको को संबोधित करते हुए कहा कि षष्ठम सतुआ बाबा लोक कल्याणकारी और धार्मिक जागरण कार्यक्रमों का ध्वजवाहक रहे। मुख्यमंत्री ने कहा कि संतों का पूरा जीवन लोक कल्याण के लिए समर्पित होता है। मानवता, जीवमात्र और चराचर जगत के कल्याण के लिए समर्पित संतों की यही परंपरा उन्हें शेष समाज से अलग करती है। सतुआ बाबा की परंपरा संत समाज की विशिष्ट परंपरा है। षष्ठम पूज्य स्वामी यमुनाचार्य महाराज सतुआ बाबा का प्रादुर्भाव काशी में हुआ और उन्होंने लोक कल्याण के कार्यक्रमों को आगे बढ़ाया। उन्होंने कहा कि किसी भी व्यक्तित्व की पहचान उसके कृतित्व के आधार पर बनती है। काशी की धरती बहुत विशिष्ट है। इस भूमि को बाबा विश्वनाथ की कृपा, काल भैरव का संरक्षण और मां गंगा का आशीर्वाद मिला है। जो यहां जिस भाव से आया उसे उस भाव की प्राप्ति हुई। काशी में दिये गये भगवान बुद्ध के ज्ञान और उपदेश को पूरी दुनिया में अमरता प्राप्त हुई। जो भी काशी आया उसे एक नई उंचाई मिली। ऐसे ही पूज्य संतों की विशिष्ट परंपरा में सतुआ बाबा भी थे। मुख्यमंत्री ने सप्तम सतुआ बाबा महंत संतोष दास की इस बात के लिए सराहना की कि वे अपने गुरुदेव षष्ठम सतुआ बाबा के गौ सेवा, संस्कृति और लोक कल्याणकारी कार्यों को आगे बढ़ाने का कार्य कर रहे हैं।

कार्यक्रम के दौरान संतोष दास सतुआ बाबा ने मुख्यमंत्री सहित मंच पर उपस्थित सभी मंत्रियों व जनप्रतिनिधियों का अंगवस्त्र और स्वागत एवं अभिनंदन किया। कार्यक्रम के पश्चात संतोष दास सतुआ बाबा ने मुख्यमंत्री को गणेश जी की धातु की प्रतिमा भेंट की।

श्रद्धांजलि सभा में केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल, उत्तर प्रदेश के श्रम एवं सेवायोजन मंत्री अनिल राजभर, स्टांप एवं न्यायालय पंजीयन शुल्क राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रविंद्र जायसवाल, आयुष मंत्री दयाशंकर मिश्र ‘दयालु’, पूर्व मंत्री एवं विधायक डॉक्टर नीलकंठ तिवारी, विधायक सौरभ श्रीवास्तव सहित अन्य लोग प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।