November 17, 2025

धोनी की तरह बनना चाहता था सुशांत’,

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‘धोनी की तरह बनना चाहता था सुशांत’, अंकिता लोखंडे बोलीं- उसके लिए पैसों से बड़ा पैशन था।

मुंबई. सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) के निधन का जितना दुख उनके फैंस और परिवार को हुआ, उतनी ही परेशान सुशांत की एक्स गर्लफ्रेंड अंकिता लोखंडे (Ankita Lokhande) भी हैं. कई सालों तक रिलेशनशिप में रहने के बाद वह सुशांत को बहुत अच्छे से जानती थीं. सुशांत के निधन के बाद वो पूरी तरह टूट चुकी हैं. 15 जून को अंकिता, सुशांत के परिवार से मिलने वहां पहुंचीं, जहां सुशांत ने आखिरी सांस ली थी. इसके बाद वह बिहार भी उनके परिवार के पास पहुंची थीं. सुशांत के जाने के बाद उन्होंने बिहार पुलिस (Bihar Police) को बयान देने के बाद पहली बार चुप्पी तोड़ी और उन्होंने दो टूक कहा कि सुशांत के डिप्रेशन को लेकर जिस तरह की खबरें चल रही हैं, वो गलत है.

छोटी-छोटी चीजों में ढूंढता था खुशियां

सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) को याद करते हुए अंकिता लोखंडे (Ankita Lokhande) ने वो सब कहा, जो वो जानती थीं. एक निजी चैनल को इंटरव्यू देते हुए उन्होंने कहा कि सुशांत अपने पैशन को फॉलो करता था. वह हर छोटी-छोटी चीजों में अपनी खुशियां ढूंढता था. पैसा से बड़ा उसके लिए पैशन था.

धोनी की तरह बनना चाहता था सुशांत
अंकिता ने दुख जताते हुए कहा कि लोग उनके बारे में आज तरह-तरह की बातें करते हैं. उन्हें डिप्रेस्ड बता रहे हैं , लेकिन सच्चाई ये है कि वो हमेशा मुझसे कहता था कि सक्सेस और फेलियर के बीच में एक लाइन होती है, जो महेंद्र सिंह धोनी फॉलो करते हैं. मैं भी उनकी तरह बनना चाहता हूं. सफलता के साथ भी शांत और असफलता के साथ भी शांत. सुशांत बोलता था कि मैं ऐसा ही होना चाहता हूं.

अपने दम पर जिंदगी जीऊंगा
इंटरव्यू के दौरान अंकिता ने कहा कि सुशांत के लिए पैसा बहुत छोटी चीज थी, लेकिन उसका पैशन बहुत बड़ा था, वो हमेशा मुझसे कहता था कि अगर सबकुछ खत्म भी हो जाए तो मैं फिर से अपना एम्पायर खड़ा कर लूंगा. अगर नहीं मिला तो अपने दम पर जिंदगी जीऊंगा. एक्ट्रेस ने कहा कि उसकी क्रिएटिविटी, फिल्मों के लिए उसका पैशन बल्कि मैं कहना चाहूंगी कि जिंदगी के लिए उसका पैशन था.

बैकग्राउंडर डांसर-दिल बेचारा तक

उन्होंने इस बातचीत में आगे कहा कि वह हर काम शिद्दत से करता था. मैंने उसे देखा है. डांस खुशी से करता था. वह श्यामक डावर के ग्रुप बैकग्राउंडर डांसर रहा है, वहां से उसकी जर्नी जो शुरू हुई है वो दिल बेचारा पर जाकर खत्म हो गई.

सुशांत मानता था खुशियां पलभर की हैं
अंकिता ने कहा कि सुशांत मानता था कि खुशियां पलभर की होती हैं. इसलिए वह छोटी-छोटी चीजों में खुशियां ढूंढ़ता था. उसे बच्चों को पढ़ाने में खुशी मिलती थी. तारों को देखने में उसे खुशी मिलती थी. उसने कई सारे बच्चों को पढ़ाया, यही उसका पैशन था. वो शख्स कभी सुसाइड करके नहीं मर सकता.