देवबंद में सपा-बसपा और आरएलडी की रविवार को गठबंधन रैली हुई।आज पूरे 25 साल बाद एक मंच पर सपा और बसपा साथ नजर आए। गौरतलब है कि साल 1993 में भाजपा को सत्ता से दूर रखने के लिए यूपी के विधानसभा चुनाव से पहले सपा और बसपा ने गठबंधन किया था, लेकिन दो साल बाद यह गठबंधन टूट गया था और दोनों ही दल एक-दूसरे के दुश्मन बन गए थे। आज एक बार फिर से यह दोनों बीजेपी को हराने के लिए ही एक हुए हैं, वैसे इस गठबंधन में रालोद भी साथ है।
रविवार को देवबंद में पहली बार महागठबंधन की रैली हुई है, जिसमें मायावती ने जमकर बीजेपी और कांग्रेस पर निशाना साधा और जनता से कहा कि देश के बचाना है तो आप लोग भाजपा नहीं गठबंधन के उम्मीदवार को वोट कीजिए। उन्होंने कहा कि मुस्लिम लोगों को वोट नहीं बांटना है, सभी को गठबंधन प्रत्याशी को वोट देना है। कांग्रेस की न्याय योजना से कुछ नहीं होने वाला कांग्रेस के पास गरीबों की दिक्कतों को दूर करने का कोई हल नहीं है।
कांग्रेस की तरह बीजेपी के वादे भी खोखले हैं। सीबीआई और ईडी का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है।बहुत कम लोगों को आरक्षण का लाभ मिल रहा है। यूपी को आवारा पशुओं ने बर्बाद करके रख दिया है। बीजेपी सरकार में यूपी के किसान बेहाल आतंकी हमले के दिन तक चुनावी कार्यक्रम जारी रहे अलग-अलग हथकंडों से देश को गुमराह किया जा रहा है। बीजेपी ने लोगों को गुमराह करने की पूरी कोशिश की जुमलेबाजी भी इस बार बीजेपी के काम नहीं आएगी।
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