तिरहार के विकास को बट्टा लगा रहे ओवरलोड वाहन
किशनपुर: सवाल लाजिमी है, अवैध खनन व ओवरलोडिंग के खिलाफ चलाया जाने वाला अभियान सिर्फ इक्का-दुक्का मौरंग खदानों तक ही सीमित है। किशनपुर क्षेत्र में संचालित मौरंग खदान में एनजीटी के सारे नियम तार-तार हो रहे हैं। दिन-रात खनन के साथ ही ओवरलोड वाहन सड़कों पर निकलते हैं। अधिकारियों की नींद जब भी टूटती है, वह सिर्फ चुनिंदा खदान को निशाने पर लेकर वहीं पहुंच जाते हैं।
खदानों से निकलने वाले ट्रक, डंपर व ट्रैक्टर-ट्रालियों से गिरने वाला पानी सड़कों की हालत बिगाड़ रहा है। गुरुवल-रामपुर मार्ग की हालत कच्चे गलियारे से भी बदतर है। पहाड़पुर व जलंधरपुर गांव के अंदर बरसात वाला नजारा है। क्षेत्र के लोगों की मानें तो फिसलन की वजह से आए दिन राहगीर चुटहिल होते हैं। खराब सड़क की वजह से एंबुलेंस भी यमुना तटवर्ती गांवों तक समय पर नहीं पहुंच पाती है। मौरंग खदानों में बड़े पैमाने पर रात के अंधेरे में खनन होता है। भोले तिवारी, रमेशचंद्र, सुशील कुमार आदि लोगों का कहना था क्षमता से कई गुना अधिक मौरंग लादकर निकलते वाहनों से सड़कें ध्वस्त हो रही हैं। सड़कों पर मौजूद गड्ढों को बचाने में ही सफर पूरा हो जाता है। वहीं एसडीएम खागा प्रह्लाद सिंह का कहना था कि मौरंग खदानों पर औचक छापेमारी की जाएगी। इससे पहले भी कई वाहनों के विरुद्ध कार्रवाई की जा चुकी है। जल्द ही व्यापाक अभियान चलाया जाएगा।
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