*केस फाइल देने से इंकार कर रहे अस्पताल संचालक*
*कौशाम्बी* निजी अस्पतालों के रोज नए-नए कारनामे सामने आते हैं मरीज का इलाज करने के बाद उनके परिजनों द्वारा केस फाइल डिस्चार्ज समरी मांगे जाने पर अस्पताल संचालक इनकार कर देते हैं जिससे मरीज को क्या दवा दी गई है उनका इलाज कैसे हुआ है इस बात की जानकारी मरीजों के परिजनों को नहीं हो पाती है इसी तरह का एक मामला इन दिनों सराय अकिल का सामने आया है जिस पर मरीज के परिजनों ने शासन प्रशासन से शिकायत कर केस फाइल डिस्चार्ज समरी उपलब्ध कराने की मांग की है पीड़ित परिजन अदालत का सहारा ले सकते हैं जिससे अस्पताल संचालक की मुसीबत बढ़ सकती है
सराय अकिल कोतवाली क्षेत्र के मुस्तफाबाद की रहने वाली बालिका अलशिफा का इलाज सराय अकिल क्षेत्र के एक निजी नर्सिग होम में हुआ था चिकित्सकों ने बताया था कि बालिका को डेंगू मर्ज है इलाज के नाम पर 5 दिनों तक पीड़ित बालिका अस्पताल में भर्ती रही बालिका के परिजनों से इलाज के नाम पर अस्पताल संचालकों ने मोटी रकम वसूल ली थी लेकिन डिस्चार्ज के बाद जब परिजनों ने केस फाइल की डिमांड की तो परिजनों के साथ अस्पताल संचालकों ने अभद्रता की और कहा कि अदालत की मांग पर वह केस फाइल देंगे मरीज के परिजनों को केस फाइल नहीं देंगे कई दिन बीत जाने के बाद भी मामले में आरोपी के खिलाफ मुकदमा नहीं दर्ज हुआ है और पीड़ित परिजनों को केस फाइल नहीं मिल सकी है अधिकारियों को दिए शिकायती प्रार्थना पत्र में पीड़ित मरीज के भाई परवेज ने बताया कि न्यू नवजीवन अस्पताल बेनीराम कटरा सराय अकिल के संचालक से जब केस फाइल की डिमांड की गई तो उन्होंने केस फाइल देने से इनकार करते हुए अभद्रता की हैl
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