*प्रयागराज-:*
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गुरुवार को पत्नी को भरण-पोषण देने को लेकर पति के पक्ष में बड़ा फैसला दिया है।
कोर्ट ने कहा कि आदेश के बावजूद पत्नी को भरण-पोषण नहीं देने वाले के खिलाफ मजिस्ट्रेट खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी नहीं कर सकते।
कोर्ट ने कहा कि ऐसा नहीं करने पर मजिस्ट्रेट जुर्माने की वसूली को लेकर वारंट जारी कर सकते हैं इसके साथ ही मजिस्ट्रेट ऐसे मामलों में कुर्की अथवा चल संपत्ति को जब्त करने का आदेश दे सकते हैं मगर, गिरफ्तारी के लिए वारंट जारी करना गलत है।
यह आदेश जस्टिस अजीत सिंह ने विपिन कुमार की याचिका पर दिया है।
याची ने हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल कर प्रिंसिपल जज फैमिली कोर्ट, कासगंज के आदेश को चुनौती दी थी।
उस आदेश में पत्नी को भरण-पोषण न दे सकने पर मजिस्ट्रेट ने गिरफ्तारी का वारंट जारी किया था।
हाईकोर्ट ने पति के खिलाफ 30 नवंबर, 2021 को पारित गिरफ्तारी वारंट को स्थापित प्रावधानों के खिलाफ मानते हुए रद्द कर दिया।
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