*इंजेक्शन के इस्तेमाल कर नगर निगम के कुछ अधिकारी/ कर्मचारी की मिलीभगत से होता है कर प्रणाली में बड़ा खेल…*
गृहकर में मूल्यांकन के नाम पर खेले जाते हैं बड़े खेल…
इसी के चलते नगर निगम अधिकारियों के पास बड़े इंजेक्शन…
बड़े और नामी व्यापारियों/व्यवसाइयों को मूल्यांकन के नाम पर लगाए जाते हैं पहले बड़े इंजेक्शन…
इंजेक्शन लगते ही शुरू हो जाती है नगर निगम में व्यापारियों/व्यवसाइयों की दौड़…
पार्ट पेमेंट जमा होने के बाद भी सॉफ्टवेयर में नही किया जाता है अपडेट…
भुगतान न अपडेट होने के चलते गृह कर बिल में दिखते है बड़े आंकड़े जहाँ न चाहते हुए भी व्यवसाइयों/ व्यापारियों/ जनता का होता है शोषण…
जानकारी के अभाव के कारण नगर निगम के कुछ अधिकारी और कर्मचारी इन अनजान व्यापारियों/ व्यवसाइयों/ जनतागण का उठाते है फायदा…
छोटे कर्मचारियों से लेकर कुछ बड़े अधिकारी तक है इस खेल में शामिल…
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