नई दिल्ली. नए कृषि कानूनों (New Farm Laws) को लेकर चल रहे आंदोलन के बीच केंद्र सरकार ने देश के गन्ना किसानों (Sugarcane Framers) को बड़ा तोहफा दिया है. कैबिनेट की बैठक (Cabinet Meeting) में फैसला लिया गया कि गन्ना किसानों को 3500 करोड़ रुपये निर्यात सब्सिडी (Subsidy), 18 हजार करोड़ रुपये निर्यात लाभ के साथ ही दूसरी सब्सिडी भी दी जाएगी. केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर (Prakash Javadekar) ने बताया कि इस साल सरकार ने 60 लाख टन चीनी निर्यात (Sugar Export) करने का फैसला किया है. इस पर सब्सिडी सीधे गन्ना किसानों के बैंक अकाउंट में ट्रांसफर (DBT) की जाएगी.
एक हफ्ते में मिलेगी 5000 करोड़ रुपये तक की सब्सिडी
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि सरकार सब्सिडी के तौर पर 3500 करोड़ रुपये देगी. सरकार के इस फैसले से देश के पांच करोड़ गन्ना किसानों और पांच लाख मजदूरों (Laborer) को सीधा फायदा होगा. उन्होंने बताया कि एक हफ्ते के भीतर 5000 करोड़ रुपये तक की सब्सिडी किसानों को मिलेगी. साथ ही उन्होंने बताया कि 60 लाख टन चीनी को 6 हजार रुपये प्रति टन के हिसाब से निर्यात किया जाएगा. उनके मुताबिक, इस साल चीनी का उत्पादन 310 लाख टन होगा. वहीं, देश की खपत 260 लाख टन है. चीनी का दाम कम होने की वजह से किसान और चीनी मिलें संकट में हैं.
क्यों लिया गया 60 लाख टन चीनी निर्यात का फैसला
जावड़ेकर ने कहा कि किसानों और शुगर मिलों की समस्याओं से निपटने के लिए कैबिनेट की आर्थिक मामलों की समिति (CCEA) ने 60 लाख टन चीनी निर्यात करने को मंजूरी दी है. साथ ही गन्ना किसानों को निर्यात पर सब्सिडी देने का फैसला भी लिया गया है. उन्होंने कहा कि किसान शुगर मिल को गन्ना बेचते हैं. फिर शुगर मिलों में अतिरिक्त शुगर स्टॉक (Surplus Sugar Stock) पड़े रहने के कारण मिल मालिक गन्ना किसानों का भुगतान (Dues) समय पर नहीं कर पाते हैं. इस समस्या को ध्यान में रखते हुए सरकार ने चीनी के अतिरिक्त स्टॉक को निकालने और किसानों को समय पर गन्ना भुगतान कराने के लिए ही चीनी निर्यात का फैसला लिया है.
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